जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ shiv chalisa lyricsl ॐ जय शिव…॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है shiv chalisa lyricsl शम्भु सहाई॥
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
In periods for instance these wherever existence is now so quick that we rarely come across shiv chalisa lyricsl time and energy to pray, Shiva Chalisa arrives for a blessing for all of us.
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